Chhatrapati Sambhaji Strong Ruler- एक बहादुर मराठा योद्धा

Chhatrapati Sambhaji Strong Ruler- एक बहादुर मराठा योद्धा

Chhatrapati Sambhaji Biography in hindi – age. family, legacy, empire, fight with mughals, and some FAQ (छत्रपति संभाजी जीवनी हिंदी में – उम्र। परिवार, विरासत, साम्राज्य, मुगलों से लड़ाई, और कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Chhatrapati Sambhaji Biography in hindi

who is Chhatrapati Sambhaji Maharaj? | कौन हैं छत्रपति संभाजी महाराज?

संभाजी शिवाजी भोसले जिन्हे छत्रपति संभाजी महाराज के नाम से भी जाना जाता है। यह मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक थे, जो मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे। इनका जन्म 14 मई सन 1657 को पुरंदर किले (अब पुणे) महाराष्ट्र, में हुआ था। छत्रपति संभाजी को 1680 में शिवाजी की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य के राजा के रूप में मराठा साम्राज्य के दूसरे उत्तराधिकारी बने। उन्होंने अपने जीवन काल के दौरान 200 से अधिक युद्ध लड़े, जिसमे उन्होंने मुग़लो के खिलाफ वीरगति प्राप्त की।

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पूरा नामसंभाजी शिवाजी भोसले
नाम छत्रपति संभाजी महाराज
जाने जाते मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक
जन्म तिथि 14 मई सन 1657
जन्म स्थान पुरंदर किले (अब पुणे) महाराष्ट्र
आयु31 (at the time of death)
कार्यमराठा साम्राज्य के राजा के रूप में
परिवारपिता – छत्रपति शिवाजी प्रथम
मोठे – सईबाई
पत्नीयेसुबाई
बच्चेभवानी बाई और शाहू प्रथम
शासन16 जनवरी 1681 – 11 मार्च 1689
निधन11 मार्च 1689
मृत्यु स्थानतुलापुर, मुगल साम्राज्य (वर्तमान पुणे जिला, महाराष्ट्र, भारत)
धर्महिन्दू
राष्ट्रीयताभारतीय
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Chhatrapati Sambhaji story in hindi | छत्रपति संभाजी की कहानी

मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति संभाजी का जन्म 14 मई 1657 को पुरंदर किले जिसे अब पूर्ण कहा जाता है, महाराष्ट्र, में हुआ था। वह एक कुशल योद्धा थे, जो मराठा साम्राज्य के संस्थापक और पहले छत्रपति शिवाजी महाराज और उनकी पहली पत्नी सईबाई के सबसे बड़े पुत्र थे। संभाजी को उनकी शिक्षा उनके पिता शिवजी महाराज द्वारा दी गई, उनके पिता ने सैन्य रणनीति, प्रशासन और शासन में प्रशिक्षण किया। धीरे धीरे से एक कुशल योद्धा बनने के लिए उन्होंने बचपन से ही तलवारबाजी, तीरंदाजी और कई सैन्य कौशल में माहिर हो गए।

उन्होंने बेहद काम उम्र में वो सारी कलाएं सीख ली, जो एक योद्धा में होनी चाहिए। एक बच्चे के रूप में संभाजी महाराज ने अपने पिता के साथ कई सैन्य अभियानों पर सहायता की, और युद्ध और रणनीति के बारे अपने पिता से सीखा, की एक योद्धा बनें के लिए किन किन गुणों की जरुरत होती है। बाद में छत्रपति शिवजी महाराज अपने बेटे संभाजी के कम उम्र में ही योद्धा के गुणों पहचाना लिया था, जिसके बाद उन्होंने कम उम्र में ही मराठा साम्राज्य का उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया।

Chhatrapati Sambhaji maharaj history in hindi

छत्रपति संभाजी की मुख्य कहानी तब शुरू होती है जब, उनके पिता छत्रपति शिवाजी की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य के नेतृत्व उन्हें सँभालने को मिला। संभाजी का राजयभिषेक 16 जनवरी 1681 को किया गया, जिसके बाद वह मराठा साम्राज्य के राजा बने। अपने पिता का बदला तथा मराठा साम्राज्य की रक्षा करने के लिए अपने शासनकाल के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

लेकिन एक मराठा राजा होने के नाते उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार करने और इसकी रक्षा के लिए कई सैन्य अभियान चलाए। संभाजी के प्रमुख सैन्य अभियानों में से एक मुगल साम्राज्य के खिलाफ था, जो उस समय भारत के अधिकांश हिस्सों पर शासन कर रहा था। अपने राज्य की किलेबंदी को मजबूत करने के लिए उन्होंने प्रसिद्ध रायगढ़ किले सहित कई नए किलों के निर्माण करवाया जो आगे चलकर मराठा साम्राज्य की राजधानी बना।

छत्रपति संभाजी ने अपने शासनकाल में 200 से अधिक युद्ध किये, जिसमे के प्रसिद्ध वाई की लड़ाई है। दरसल साल 1679 में, वाई की लड़ाई में मुग़लो ने छत्रपति संभाजी पर आक्रमण किया लेकिन एक मराठा योद्धा और अपने पिता शिवजी महाराज की शिक्षा को वह विफल नहीं जाने दिए जाते थे। और किया था, समभाजी महाराज ने वाई की लड़ाई में मुगल सेनापति सैय्यद फजल खान को हराया, और युद्ध अपने नाम किया। जिसके बाद मराठा शक्ति और साम्राज्य को मजबूत किया और एक सैन्य नेता के रूप में संभाजी ने अपना कर्तव्य निभाया।

इसके बाद के युद्ध नेसरी का युद्ध भी है, जिसमे छत्रपति संभाजी ने सन 1680 में इस युद्ध में मुगलों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की और मराठा साम्राज्य का झंडा लहराया। इसके बाद रायगढ़ की लड़ाई ही थी, जो संभाजी की आखिरी लड़ाई थी।

आखिरी लड़ाई

दरसल सन 1689 में, छत्रपति संभाजी ने बेहरम मुग़ल शासक औरंगजेब की सेना के खिलाफ रायगढ़ में अपनी आखिरी लड़ाई लड़ी। यह लड़ाई इतिहास के पन्नो में सबसे निर्णायक युद्ध में से एक था। संभाजी ने कई वर्षों तक मुगल सेना के खिलाफ अपने राज्य का सफलतापूर्वक बचाव करने के बाद अंत धोके से मुग़लो की सेना से संभाजी महाराज को अपने कब्जे में कर लिया और बाद में 11 मार्च 1689 को बड़ी दर्दनाक और बेहरमी से उनकी हत्या कर दी। लेकिन 16 जानकारी 1681 से 11 मार्च 1689 तक करीब नो साल तक मुगलो का सामना किया और अपने साम्राज्य की रक्षा करते करते अपनी जान न्योछावर कर दी। ऐसे महान राजा का नाम इतिहास के पन्नो में सम्मान के साथ लिया जाता है।

FAQ

छत्रपति संभाजी कौन थे?

संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक और छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे।

छत्रपति संभाजी महाराज का जन्म कब हुआ था?

14 मई सन 1657 को।

छत्रपति संभाजी की मृत्यु कैसे हुई?

छत्रपति संभाजी को 1689 में मुगल सम्राट औरंगजेब मुगल साम्राज्य द्वारा मृत्यु कर दी गई।

मराठा साम्राज्य में छत्रपति संभाजी का क्या योगदान था?

छत्रपति संभाजी ने मराठा साम्राज्य के विस्तार और सैन्य शक्ति को मजबूत करने अहम भूमिका निभाई।

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नोट– यह संपूर्ण बायोग्राफी का क्रेडिट हम छत्रपति संभाजी महाराज को देते हैं, क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?

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