HP Success Story in Hindi – HP company history in hindi, about founder and some FAQ ( एचपी की सफलता की कहानी हिंदी में – एचपी कंपनी का इतिहास हिंदी में, संस्थापक के बारे में और कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )
कंप्युटर टेक्नोलॉजी मनुष्य के लिए काफी उपयोगी साबित हुई है, मानो कि नई क्रांति की शुरुआत हुई हो. आज के समय में कंप्यूटर का उपयोग घर से लेकर बैंक और ऑफिस तथा अन्य जानकारी मुहैया के लिए उपयोग किये जाते है. और दोस्तों अब तो कंप्युटर को लगभग हर जगह पर देखा जा सकता है. और समय के साथ-साथ कंप्यूटर मे काफी बदलाव देखे गए है.जिसके चलते कंप्युटर कंपनियां आज अपने मुकाम पर खड़ी है,लेकिन जो कंपनियां समय के साथ बदल ना सकीं, उनका तो आज के समय मे अस्तित्व ही मीट गया है.
लेकिन आज हम ऐसी कंपनी के बारे में बात करेंगे जिसने अपना अस्तित्व कायम रखते हुए 70 सालों से अधिक दुनिया की सबसे बड़ी आईटी उद्योग मे एक दिग्गज कंपनी बनने मे कमियांब हुई है. जी हां हम बात कर रहे हैं, अमेरिका की मल्टीनैशनल आईटी कंपनी HP के बारे मे, जिसकी शुरुआत पहले कभी एक गैराज से हुई और आज विश्व की सबसे बड़ी IT कंपनी के रूप मे उभरी है. तो चलिए जानते है, HP कंपनी की सफलता की कहानी.
about HP company | HP कंपनी के बारे में
एचपी (HP), एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी थी, जिसका मुख्यालय कैलिफोर्निया के पालो अल्टो में है। एचपी ने विभिन्न प्रकार के हार्डवेयर तथा कंपनी पर्शनल कंप्यूटर (PC), प्रिंटर और 3D प्रिंटिंग प्रोडक्ट विकसित करती है।
उद्योग | हार्डवेयर, सूचना प्रौद्योगिकी |
स्थापना | 1 जनवरी 1939 |
संस्थापक | विलियम रेडिंगटन हेवलेट और डेविड पैकर्ड |
मुख्यालय | पालो आल्टो, संयुक्त राज्य अमेरिका |
उत्पाद | PC कम्प्यूटर प्रिण्टर, सॉफ़्टवेयर, डिजिटल कैमरा, इमेज स्कैनर, टैबलेट , मोबाइल फोन, और नेटवर्किंग हार्डवेयर |
HP compny Story in Hindi | एचपी कंपनी बनने की कहानी
HP कंपनी को सफल बनाने वाले अमेरिका के दो दोस्तों ने आईटी जगत की सबसे बड़ी कंपनी में से के HP की नींव रखी थी, जिनका नाम विलियम रेडिंगटन हैवलेट और डेविड पैकार्ड था। दरअसल इन दो दोस्तो मुलाकात तब हुई जब जब डेविड पैकार्ड साल 1930 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्टीफन यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया तब उनकी मुलाकात विलियम हैवलेट से हुई। दोनों के बीच गहरा संबंध बन गया और बाद में सिलिकॉन वैली के फादर कहे जाने वाले फ्रेडरिक टेरमैन के अंतर्गत शिक्षा प्राप्त की। दोनों ने फ्रेडरिक से अपना व्यवसाय शुरू करने और कुछ नया जानने के लिए सलाह ली, और इसी दौरान दोनों दोस्त विलियम रेडिंगटन हैवलेट और डेविड पैकार्ड ने अपना कारोबार शुरू करने की योजना बनाई।
एचपी कंपनी का नाम रखने से पहले दोनों दोस्तों ने टॉस किया. शर्त रखी गई थी कि इस टॉस में जो जीतेगा उसका सरनेम पहले लिखा जाएगा. टॉस में विलियम हैवलेट ने बाजी मारी जिसकी वजह से उनका नाम कंपनी में पहला जोड़ा गया, और इस तरह कंपनी बनी हैवलेट यानी(H) और पकार्ड यानी (P) जिसे हम आज एचपी (HP) के नाम से जानते हैं। दरसल एचपी कंपनी की शुरुआत 1939 को एक छोटे से गैराज से हुई। 44 हजार रुपये से कैलिफोर्निया में कंपनी की शुरुआत हुई. और बाद में गैराज को एक ऑफिस में तब्दील कर दिया गया।
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HP company Success Story in Hindi | एचपी कंपनी की सफलता
कई मेहनत करके दोनों दोस्तों ने मिलकर HP कंपनी का पहला प्रोडक्ट बना, जो था एक ऑडियो ऑसलेटर, जिसका नाम HP200A था। जो अलग-अलग तरह के ऑडियो का निर्माण तथा हाई क्वालिटी की ऑडियो रिलीज करता था। यह प्रोडक्ट काफी शानदार था और बाकि ऑडियो ऑसलेटर के मुकाबले काफी सस्ता भी था। अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने के लिए दोनों दोस्तों ने कई स्कूलों और अन्य क्षेत्र में कॉन्टैक्ट करना शुरू कर दिया। काफी मेहनत करने के बाद उन्हें 4 ऑर्डर मिले। यहाँ से दोनों दोस्त हैवलेट और पकार्ड मार्केटिंग करते गए और आर्डर के साथ साथ प्रोडक्ट की कीमत भी बढ़ गई।
यहाँ से हैवलेट और पकार्ड ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी सफलता के मुकाम पर पहुंचने लगे। अब कंपनी बल्ब बनाने लगी, इसी दौरान कंपनी का पहला सबसे बड़ा आर्डर 47 हजार रुपये का आया और मशहूर वॉल्ट डिज्नी स्टूडियो ने ऑडियो ऑसलेटर का ऑर्डर दिया।
कहते है. की मेहनत करो लेकिन फल की चिंता मत करो, कुछ ऐसा ही हुआ HP कंपनी के साथ। साल 1941 में जब अमेरिका द्वितीय विश्व के लिए युद्ध में आया तब अमेरिकी सेना ने कंपनी को ऑडियाे ऑसलेटर का एक बड़ा ऑर्डर दिया। इसके अलावा कंपनी ने अन्य प्रोडक्ट वैक्यूम ट्यूब , एनालाइजर, और वॉल्टमीटर जैसे प्रोडक्ट का उत्पाद करने लगी, जिसकी जरूरत सेना को भेजी जा रही थी। अब कंपनी कुछ ही सालो में प्रॉफिट की तरफ चली गई और तगड़ा प्रॉफिट करने लगी।
समय की साथ किया बदलाव
कंपनी अच्छी तरह जानती थी की, अगर उसे भविष्य में टिकना है तो, उसे भी समय समय के साथ कंपनी में बदलाव करने पड़ेंगे। इसी सोच को आगे ले जाते हुए, HP कंपनी ने इनोवेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार हो गई। धीरे धीरे कंपनी भी सफलता की और दिखने लगी, और और कई सॉफ्टवेयर कंपनियों को खरीदने के बाद कंपनी ने अपने प्रोडक्ट विदेशों में बेचना शुरू कर दिए, और IT उद्योग में एक दिग्गज कंपनी बनने के साथ साथ 6 नवंबर 1957 को HP कंपनी प्राइवेट कंपनी बन गई।
साल 1968 में HP ने दुनिया का पहला पर्सनल कम्प्यूटर लॉन्च किया, जिसे Hewlett–Packard 9100A नाम दिया गया। और इस तरह HP कंपनी पर्सनल कम्प्यूटर, प्रिण्टर, सॉफ़्टवेयर, डिजिटल कैमरा और नेटवर्किंग हार्डवेयर प्रोडक्ट कंपनी में सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शामिल हो गई।
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नोट- यह संपूर्ण सफलता की कहानी HP Success Story in Hindi पर आधारित है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?