Porus History in Hindi – Porus biography in Hindi, alexander and Porus fight, about king Porus in Hindi (पोरस का इतिहास हिंदी में – पोरस की जीवनी हिंदी में, सिकंदर और पोरस की लड़ाई, राजा पोरस के बारे में हिंदी में)
कौन था, राजा पोरस? | Who was King Porus?
आज मैं आपको हिंदुस्तान के ऐसे सम्राट के बारे में बताने जा रहा हूं, जिनके सामने दुनिया जीतने वाला सिकंदर भी एक बार के लिए डगमगा गया था। हिंदुस्तान का वह राजा जिन की कहानी ग्रीक यानी ईरानियों के इतिहास में भी मान सम्मान के साथ दर्ज की गई है!
भारत के पूर्व वंशी राजा पूरू(पोरस) सम्राट के बारे में कहा जाता है, कि राजा पुरु जिनको यूनानीयों द्वारा अपने किताबों में पोरस का नाम दिया गया था। उन्हें पूर्वंशी राजा माना जाता है, पूरू का संबंध महाभारत काल से ही माना जाता है, सम्राट पोरस महाभारत काल से संबंध रखने वाले राजा बमनी और अनसूया के पुत्र थे!
पोरस का शासन हिंदुस्तान में लगभग 25 वर्ष तक रहा था, यह बात भी मानी जाती है, कि जब अलेक्जेंडर ने पोरस के राज्य पर हमला किया, तब उन्हें शासन करते हुए बस 13 साल ही हुए थे, इस बात पर अभी भी बहस होती है, कि पोरस और एलेग्जेंडर की लड़ाई में आखिरकार कौन जीता था! कुछ इतिहासकारों द्वारा यह भी माना जाता है कि उस समय उन दोनों के बीच बहुत ही भयंकर युद्ध हुआ था परंतु दोनों राजाओं द्वारा संधि कर ली गई थी, जिससे युद्ध बीच में ही रुक गया था। परंतु यह बात कितनी सच और कितनी झूठ है, यह अभी भी रहस्य समान है!
Porus biography in Hindi | पोरस का जीवन परिचय
नाम | पोरस |
उपनाम | पूरू, पुरुषोत्तम |
जन्म | ज्ञात नहीं |
जन्मस्थान | पंजाब |
शासन | 326 से पहले – 317 ईसा पूर्व |
माता पिता | राजा बमनी और अनसूया |
प्रसिद्ध | सिकंदर से युद्ध के लिए |
मृत्यु | 321 – 315 ईसा पूर्व |
मृत्युस्थान | पंजाब |
Porus History in Hindi | राजा पोरस का इतिहास
सम्राट पोरस के बारे में जितनी भी कहानियां है, वह ग्रीक ग्रंथ से ही जुटाई गई है। इतना ही नहीं बल्कि हमारी प्राचीन ग्रंथों में भी एक पर्वतीय राजा का जिक्र मिलता है, जिन्हें राजा पोरस से माना जाता है क्योंकि इनकी मृत्यु का समय भी राजा पोरस की मृत्यु के समय से मिलता है, और ग्रंथ में बताया भी गया है कि उन्होंने चंद्रगुप्त का कई युद्धों में साथ दिया था।
कहा जाता है कि राजा पूरू के चंद्रवंशी होने की वजह से उनकी शक्ति और उनकी बुद्धि अतुलनीय थी,वह उस वक्त के हिंदुस्तान के सबसे ताकतवर राजाओं में से एक थे, कहानी है, आज से 300 साल पुरानी एक राजा की जो वह करने की हिम्मत रखते थे, जो किसी और राजा में नहीं थी उन्होंने झेलम के युद्ध में अलेक्जेंडर को भी धूल चटाई थी। इसलिए आज हम आपको बताने वाले है, राजा पुरुषोत्तम के बारे में, जिन्हें ग्रीक की होली बुक में पोरस के नाम से व्याख्यान किया गया है.वह चंद्रवंशी राजा बमनी के पुत्र थे और उनका ज़िक्र महाभारत आदिकाल की कथाओं में मिलता है।
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story of Porus and alexander | पोरस और सिकंदर की कहानी
पोरस ने 340 ईसा पूर्व अपने राज्य की सारी बागडोर अपने हाथों में ले ली थी, झेलम नदी से सारा इलाका पोरस के ही अधीन था, उन्हें वहां हुकूमत करते हुए पूरे 13 साल हो गए थे, परंतु किसी भी राजा का जीवन इतना आसान नहीं होता। तो पुरुषोत्तम कैसे हो सकता था। 13 साल राज करने के बाद उनके सामने एक बहुत बड़ी चुनौती आई, जिसका नाम अलेक्जेंडर था। अलेक्जेंडर ने आज तक किसी भी जंग में हार का मुंह नहीं देखा था, अलेक्जेंडर हिंदुस्तान को जीतना चाहता था, और वह सिंधु नदी पार करके हिंदुस्तान में घुस चुका था, तक्षशिला के राजा अंबे ने तो बिना लड़े ही अपना राज्य अलेक्जेंडर को सौंप दिया था। अलेक्जेंडर का सिर्फ एक ही निशाना था जो कि हिंदुस्तान था।
एलेग्जेंडर अपनी 32000 से भी ज्यादा बड़ी सेना को लेकर झेलम नदी की तरफ बढ़ने लगा परंतु है यह नहीं जानता था, कि नदी की दूसरी तरफ भी एक जांबाज सिपाही पोरस है। पोरस तकरीबन 7 फुट लम्बा राजा था , अलेक्जेंडर पोरस से मिलना भी चाहता था, क्योंकि अलेक्जेंडर को लग रहा था कि राजा पोरस भी राजा अंबे की तरह बिना लड़े ही उन्हें अपने राज्य को सौंप दें और हार मान ले.
परंतु वह नहीं जानता था, कि उनके सामने उनको चुनौती देने के लिए एक सकुशल राजा उनका इंतजार कर रहा है, पोरस उनके सामने हार मानना तो दूर बल्कि उन्हें उल्टा चुनौती दे बैठे थे। पोरस एलेग्जेंडर से यह कह चुके थे, कि आप हमारी मुलाकात सीधा जंग के मैदान में होगी, यह चुनौती उनकी स्वीकार कर ली गई और युद्ध की तैयारी बहुत जोर शोर से शुरू कर दी गई।
दोनों पोरस और सिकंदर युद्ध लड़ने के लिए तैयार हो गए, और इसी के चलते 326 ईसा पूर्व में झेलम का युद्ध शुरू कर दिया गया, इस युद्ध की दो कथाएं सामने आती है, जिसमें से एक कथा कुछ इस प्रकार है-
- पोरस के पास 30 हजार से ज्यादा पैदल सेना 4000 से अधिक घुड़सवार सेना 300 रथ और एक ऐसी चीज थी, जिससे एलेग्जेंडर बिलकुल बेखबर था और वह थे पोरस के हाथी। वह हाथी अपने सामने आने वाली किसी भी चीज को पैरों तले रौंद देते थे। युद्ध के दौरान एक रात पहले हुई बरसात की वजह से पोरस के सभी रथ भारी बरसात के कारण नम मिट्टी में अंदर धंस जाते गए और लगातार 7 घंटे से चल रहे युद्ध में पोरस की सेना ध्वस्त होने लगी, परंतु पोरस फिर भी युद्ध के मैदान में डट कर खड़े रहते हैं और लड़ते हैं, पोरस को युद्ध में डट कर खड़ा देख और लड़ते देख एलेग्जेंडर बहुत प्रसन्न हो जाता है और वह पुरुष की सारी सेना ध्वस्त होने के बाद उससे पूछता है कि मैं तुम्हारे साथ क्या सलूक करूं। पोरस द्वारा जवाब सुनकर वह और भी प्रभावित हो जाता है, जिसमें पोरस कहता है कि आप मेरे साथ ऐसा ही सुलूक कीजिए जैसा एक राजा को दूसरे राजा के साथ करना चाहिए और यह बात सुनकर अलेक्जेंडर उसके राज्य को और उसे बक्श देता है!
- वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जाता है, कि अलेक्जेंडर और राजा पोरस के युद्ध में पोरस द्वारा अलेक्जेंडर को बक्श दिया गया था और युद्ध भी उन्होंने ही जीता था। यह बात अभी तक सत्य नहीं है के झेलम युद्ध में किसकी विजय हुई थी। कुछ लोगों का मानना है, कि यूनानी यों ने अलेक्जेंडर को बड़ा दिखाने के लिए उसको युद्ध में विजय दिलाने वाली बात कहीं है। वहीं दूसरी तरफ यह भी सुनने में आता है कि पोरस ने एलेग्जेंडर पर विजय हासिल की थी। परंतु इन दोनों बातों में कितना सत्य है, यह कोई भी नहीं बता सकता है लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है, कि राजा पोरस बहुत शक्तिशाली बुद्धिमान धैर्यवान राजा थे। हार जीत से परे एक कथा यह भी है, कि पोरस और एलेग्जेंडर दोनों के बीच युद्ध होने से पहले ही संधि हो गई थी।
राजा पोरस की मृत्यु
सिकंदर जानता था, कि पोरस जैसे पराक्रमी राजा को हराना इतना आसान नहीं था, इतिहास में यह भी दावा किया जाता है कि 323 ईसा पूर्व में सिकंदर की मौत के बाद उनके ही एक सैनिक ने पोरस की हत्या करवा दी. हालांकि पोरस की मौत को लेकर सटीक तौर पर कोई तिथि या अन्य जानकारी नहीं मिलती. ऐसा माना जाता है कि पोरस की मृत्यु 321 से 315 ईसा पूर्व के बीच हुई।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पोरस का असली नाम क्या है?
महाराज पोरस की मृत्यु कैसे हुई?
पोरस कौन से वंश का था?
पोरस के पुत्र का नाम क्या था?
पोरस की माता कौन थी?
राजा पोरस की मृत्यु कब हुई?
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नोट- यह संपूर्ण बायोग्राफी का श्रय राजा पोरस को देते हैं क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?