देवेंद्र झाझरिया कौन है ? (Who is Devendra Jhajharia)
दोस्तों अगर आप खेल के शौकीन है, तो आपने पैरालंपिक प्रतियोगिता का नाम जरूर सुना होगा, तथा 2021 में हो रहे रहे tokyo paralympic में भारतीय खिलाड़िओ का जबरदस्त प्रदर्शन देखा जा रहा है, उसमे से एक है प्रसिद्ध जैवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया, जिन्होंने 2021 के टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए सिल्वर मेडल अपने नाम किया। इसलिए आज हम आपको devendra jhajharia के जीवन पर आधारित biography hindi में बताएंगे।
देवेंद्र झाझरिया भारत के प्रसिद्ध पैरालंपिक जैवलिन खिलाडी है, जिनका जन्म 10 जून 1981 को एक जाट परिवार हुआ। इन्होने 2004 में एथेंस पैरालंपिक में पहला गोल्ड अपने नाम किया था। 2016 में संपन्न हुए summer paralympic खेलो में देवेंद्र झाझरिया ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए दूसरा गोल्ड मेडल जीता, ऐसा करने वाले देवेंद्र झाझरिया भारत के पहले ऐसे खिलाडी बने, जिन्होंने पैरालंपिक खेलो में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किये हो।
पैरालंपिक खेलो में भारत का नाम रोशन करने के लिए देवेंद्र झाझरिया को 2004 में भारतीय सम्मानित पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
Devendra Jhajharia javelin thrower in hindi
name/नाम | देवेंद्र झाझरिया |
DOB/जन्म तिथि | 10 जून 1981 (चुरू) |
profession/पेशा | जैवलिन खिलाडी |
parents/माता-पिता | राम सिंह/जीवनी देवी |
wife/पत्नी | मंजू झाझरिया |
age/उम्र | 40 years (2021) |
coach/कोच | आर.डी.सिंह |
nationality/राष्ट्रीयता | भारतीय |
Devendra Jhajharia Biography in Hindi
देवेंद्र झाझरिया का जन्म 10 जून 1981 को राजस्थान में स्थित चुरू जिले के एक जाट परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम राम सिंह झाझरिया है, वही उनकी माँ नाम जीवनी देवी है। इसके अलावा झाझरिया के परिवार में उनकी पत्नी मंजू झाझरिया है, जो की एक कबड्डी प्लेयर है।
जब देवेंद्र झाझरिया आठ साल के थे, तब उन्हें बिजली के तार से करंट लगने के कारण बचपन में ही अपना एक हाथ गवाना पड़ा। इस घटना के बाद देवेंद्र झाझरिया को बचपन में कई चुनौतिओं के दौर से गुजरना पड़ा। एक हाथ न होने के कारण अपने बचपन में देवेंद्र घर से बाहर नहीं निकलते थे, लेकिन उनकी माँ जीवनी देवी ने उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन किया।
कहते है की, लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालो को कभी नहीं होती। कुछ ऐसा ही हुआ देवेंद्र झाझरिया साथ, जब देवेंद्र दसवीं कक्षा में थे तब उन्होंने खेल के तोर पर जैवलिन को चुना और इसी खेल से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की।
जानिए 2021 टोक्यो पैरालंपिक में भारत को गोल्ड दिलाने वाले sumit antil biography हिंदी में।
20o4 तक आते-आते देवेंद्र झाझरिया भारतीय टीम में शामिल हो गए और 2004 में हुए एथेंस पैरालंपिक खेलो में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जैवलिन थ्रो में देवेंद्र झाझरिया ने पहला गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसके बाद उन्हें 2016 में हुए summer paralympic में अपना जौहर दिखने को मिला, और जैवलिन थ्रो में अपना भाला फेंक दूसरा गोल्ड मेडल जीता। ऐसा करने वाले देवेंद्र झाझरिया भारत के पहले ऐसे खिलाडी बने, जिन्होंने पैरालंपिक में दो गोल्ड मेडल अपने नाम किये है।
tokyo paralympics 2021 ( टोक्यो पैरालिंपिक 2021 )
दो बार के पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझरिया ने टोक्यो में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा. देवेंद्र ने टोक्यो पैरालंपिक जैवलिन थ्रो में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए (F46 वर्ग) में 64.35 मीटर भाला फेंक सीधा सिल्वर मेडल अपने नाम कर भारत का मान ऊँचा किया।
Devendra Jhajharia Biography In Hindi – medal record in hindi
पैरालंपिक खेल | ( गोल्ड ) 2016 ग्रीष्म पैरालंपिक ( गोल्ड ) 2004 एथेंस पैरालंपिक ( सिल्वर ) 2021 टोक्यो पैरालंपिक |
आईपीसी वर्ल्ड चैंपियनशिप्स | ( गोल्ड ) 2013 वर्ल्ड चैंपियनशिप ( सिल्वर ) 2015 वर्ल्ड चैंपियनशिप |
एशियन पैरा गेम्स | ( सिल्वर )2014 एशियन पैरा गेम्स |
पुरस्कार और उपलब्धियां –
- 2017 में पैरा-एथलेटिक्स के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार सम्मानित।
- 2012 में पद्म श्री से सम्मानित।
- 2004 में एथलेटिक्स के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित।
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Note – मैं आशा करता हूँ कि आपको Devendra Jhajharia जी की Biography Hindi में पड़ने में अच्छी लगी होगी। यह सपूर्ण जीवनी Devendra Jhajharia जी के जीवन पर ही रिसर्च द्वारा लिखी गयी है. आपको केसा लगा इनके बारे में पढ़कर हमें Comment Box में जरूर बताये