Mahadevi Verma Biography in Hindi – आज हम आपको हिंदी जगत की एक लेखक महिला जिनका नाम महादेवी वर्मा है, उनके जीवन के बारे में बताएंगे की क्यों उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से जाना जाता है, तथा महादेवी वर्मा के कुछ प्रसिद्ध कविताओं के बारे में विस्तार से जानेंगे।
महादेवी वर्मा का परिचय | Introducion to Mahadevi Verma
महादेवी वर्मा हिन्दी भाषा की कवयित्री थीं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक मानी जाती हैं। इनका का जन्म सन 1960 में 26 मार्च को उत्तर प्रदेश के जनपद फर्रुखाबाद में एक सुशिक्षित मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, महादेवी वर्मा के पिता का नाम श्री गोविंद प्रसाद था जो कि एक उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद एक मुख्य अध्यापक के रूप में कार्यरत थे, और वह एक बहुत ज्ञानी अध्यापक भी थे, जिन्होंने महादेवी वर्मा को कई प्रकार से ज्ञान प्रदान किया, महादेवी वर्मा की माता का नाम श्रीमती हेमरानी देवी एक कुशल ग्रहणी थी, वह एक शिक्षित और उच्च विचारों वाली ग्रहणी थी।
Mahadevi Verma Biography in Hindi | महादेवी वर्मा का जीवन परिचय
name/नाम | महादेवी वर्मा |
nickname/उपनाम | आधुनिक मीरा के नाम से जाना जाता |
famous for/प्रसिद्ध | कवयित्री के रूप में |
DOB/जन्म तिथि | 1960 में 26 |
birthplace/जन्म स्थान | फ़र्रुख़ाबाद, संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध, ब्रिटिश राज |
profession/पेशा | उपन्यासकार, कवयित्री, लघुकथा लेखिका |
parents/माता-पिता | श्री गोविंद प्रसाद/ श्रीमती हेमरानी देवी |
spouse/जीवनसाथी | डॉक्टर स्वरूप नारायण वर्मा |
education/शिक्षा | संस्कृत, प्रयागराज विश्वविद्यालय से |
awards/पुरस्कार | 1956: पद्म भूषण 1982: ज्ञानपीठ पुरस्कार 1988: पद्म विभूषण |
death/मृत्यु | 11 सितम्बर 1987 (उम्र 80) प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, |
nationality/राष्ट्रीयता | भारतीय |
महादेवी वर्मा जीवन कहानी | Mahadevi Varma life Story
कहा जाता है कि महादेवी वर्मा का जन्म उनके माता-पिता के कई वर्षों के इंतजार और मनौती (मन्नत) के बाद हुआ . वह अपने माता पिता की पहली संतान थी, और यह भी कहा जाता है कि उनके परिवार में 60 पीढ़ियों के बाद किसी कन्या ने जन्म लिया था, इसीलिए उन्हें देवी दुर्गा के विशेष अनुग्रह का प्रसाद मानकर उनका नाम महादेवी वर्मा रखा गया, यह किसी को नहीं पता था कि आने वाले समय में महादेवी अपने नाम के साथ अपने परिवार को और सम्मान दिलाएंगे और अपने नाम की सार्थकता को भी सिद्ध करने में सफल होंगी।
पढ़िए महादेवी वर्मा जी की प्रसिद्ध कविताएं
महादेवी वर्मा बचपन से अध्ययन के साथ चित्रकला और संगीत में भी बहुत रुचि रखने वाली थी, नव वर्ष की बहुत ही छोटी सी उम्र में ही उनका विवाह कर दिया गया उनके पति का नाम श्री रूपनारायण वर्मा था विवाह के पश्चात वह इंदौर से अपने ससुराल प्रयाग में आ गए परंतु उन्होंने विवाह के बाद उच्च शिक्षा की राह चुनी उन्होंने प्रथम श्रेणी में मैट्रिक के परीक्षा को पास किया उन्होंने पूरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्हें राज्य में छात्रवृत्ति भी प्राप्त हुई।
Mahadevi Varma career in Hindi
महादेवी की कविताएं , पत्र-पत्रिकाओं में भी छपने लगी थी, उनकी कविताओं को पाठक बहुत पसंद करते थे और उनकी कविता लिखने का यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा। 11वीं कक्षा पास करने के बाद वह कविता सम्मेलन में भी भाग लेने लगी थी और उन्हें इसमें सैकड़ों पुरस्कार भी हासिल हुए। उस समय की बहुत सी प्रसिद्ध कविताएं महादेवी वर्मा द्वारा लिखी गई थी और उन्हें पत्र-पत्रिकाओं में उच्च स्थान पर छापा गया था, जो कि पाठकों द्वारा बहुत ही पसंद की जाने वाली कविताएं थी।
संस्कृत में m.a. तक की परीक्षा प्राप्त की, अपनी शैक्षणिक योग्यता के कारण उन्हें प्रयाग विद्यालय में श्रेष्ठ विद्यापीठ के प्राचार्य का काम मिला। काफी लंबे समय तक महादेवी वर्मा ने इस पद पर अपने दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वाह किया, नारी शिक्षा नारी जागृति और नारी नारी सम्मान के प्रति सदैव सजग रहे!
महादेवी वर्मा का योगदान | Contribution of Mahadevi Verma
उनकी सुभद्रा कुमारी चौहान से मित्रता थी, और वह चांद नामक पत्रिका कि संपादक भी रहे। सन 1955 में उन्होंने साहित्यकारों के साहित्य सृजन हेतु प्रयाग में गंगा के किनारे साहित्य का संसद की स्थापना भी की, जीवन की विविधता का यही वशिष्ठ महादेवी की यही कला अभी व्यक्तियों में भी देखा जा सकता है। महादेवी वर्मा का जीवन एक तरफ बहुत ही शांत करुणामई और उदारवादी था, वहीं उनको एकाकी शांत और आत्म लीला अवश्य बनाया लेकिन उनका व्यक्तित्व अत्यंत उदार और परोपकारी था, अपने जीवन में महादेवी ने गरीब और दीन दुखियों की बहुत सेवा सहायता की।
कहा जाता है, कि महादेवी बौद्ध भिक्षा लेकर भक्षिणी बनना चाहती थी ,लेकिन महात्मा गांधी के संपर्क में आने के बाद व्याप्त ही समाज सेवा में लग गई। महादेवी के संस्मरण और रेखाचित्र व्यक्तित्व की अत्यंत जीवन व्याख्या होती है ,लेकिन उनकी कविताओं में अकेलेपन की आत्म लीनता ही ज्यादा व्याख्यान होती है जो कि उनके अंतर्मुखी व्यक्तित्व को उजागर करती है उनके व्यक्तित्व का यह अंतर्मुखी विरोध उनके पाठकों के लिए ही नहीं बल्कि उनके आलोचकों के लिए भी एक समस्या बन गया है.
अगर महादेवी के गद्य और पद्य साहित्य को आमने सामने रख दिया जाए तो दोनों दो अलग-अलग बिन व्यक्तियों की विरोधी चेतना की रचनाएं लगेगी। कविता गद्य चित्र संग्रह गीत राष्ट्रीय आंदोलन नारी चेतना आदि कितने ही क्षेत्र है, जिसमें महादेवी वर्मा अपने महरिशी जीवन का स्पर्श देकर अमरता प्रदान करती चली गई। उनकी कुछ व्याख्यान इस प्रकार है, देवी वर्मा की कुछ रचनाएं जैसे -अतीत के चलचित्र, निहार ,रश्मि नीरजा ,संध्या गीत ,दीपशिखा है !
महादेवी वर्मा का निधन | Mahadevi Verma death
- महादेवी वर्मा का निधन 1987 में 11 सितंबर को हुआ, वह काव्य जगत की एक बहुत बड़ी साहित्यकार रही। उनका इस काव्य जगत में बहुत बड़ा स्थान रहा है!
पुरस्कार और सम्मान | awards and honors
- साहित्य चूड़ामणि पुरस्कार (1980) – हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए
- ज्ञानपीठ पुरस्कार (1982) – भारतीय साहित्य में उनके योगदान के लिए
- पद्म विभूषण (1988) – भारतीय साहित्य में उनके योगदान के लिए
- साहित्य अकादमी पुरस्कार (1956) – कविता संग्रह “यम” के लिए
- पद्म भूषण (1956) – हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए
- कालिदास सम्मान (1993) – भारतीय साहित्य में उनके योगदान के लिए
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1995) – राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए
- राष्ट्र रत्न पुरस्कार (1997) – भारतीय साहित्य और समाज में उनके योगदान के लिए
- भारतीय ज्ञानपीठ मूर्ति देवी पुरस्कार (1999) – भारतीय साहित्य में उनके योगदान के लिए
FAQ | अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q: महादेवी वर्मा कौन थीं?
Q: महादेवी वर्मा का हिंदी साहित्य में क्या योगदान था?
Q: महादेवी वर्मा की सबसे प्रसिद्ध कृतियाँ कौन सी हैं?
Q: महादेवी वर्मा को उनके कार्यों के लिए कौन से पुरस्कार और सम्मान मिले?
Q: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महादेवी वर्मा की क्या भूमिका थी?
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नोट– यह संपूर्ण बायोग्राफी का क्रेडिट हम महादेवी वर्मा को देते हैं, क्योंकि ये पूरी जीवनी उन्हीं के जीवन पर आधारित है और उन्हीं के जीवन से ली गई है। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके बताइयेगा कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा?